हमने दुनिया के कई मंदिरो के बारे में सुना है जो अपनी सुन्दर शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है | लेकिन क्या आपने ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जो आकाश में लटक रहा हो | आज हम आपको ऐसे ही विचित्र मंदिर के बारे में बताएँगे जो कई सदियों से आकाश में आधा लटक रहा है |
किसी भी देश में मंदिर लोगो की आस्था का केंद्र होते है | यह देश को एकजुटता के सूत्र में पिरोते है | दुनिया में ऐसे बहुत सारे मंदिर जो अपने शिल्पसौंदर्य के कारण चर्चित है | इन्हे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते है, लेकिन आज जो हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे है उसके बारे हो सकता है अपने नहीं सुना हो, यह मंदिर एशिया के सबसे ताकतवर देश चीन में स्थित है |
चीन के शांझी में एक पर्वत है, जिसे हेंग माउंटेन कहते है | इसी पर्वत पर यह मंदिर स्थित है | इस मंदिर का निर्माण इस तरह से हुआ है की यह आधा पर्वत पर और आधा बिना किसी सहारे ( आकाश में ) स्थित हुआ है | ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण 1500 वर्ष पहले किया गया था | धर्म ग्रंथो में ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण उत्तरी वेई साम्राज्य के लिओ रेन नाम के शख्स द्वारा किया गया था | लेकिन उन्होंने इसका आंशिक भाग ही बनवाया था |
दरअसल शांझी चीन का वह इलाका है, जहाँ बाढ़ सर्वाधिक आती है | इसलिए इस मंदिर को एक पर्वत पर बनाया गया है ताकि प्राकृतिक आपदा के कारण लोगो की श्रद्धा ईश्वर के प्रति कम ना हो | इस मंदिर को हैंगिंग मॉनेस्ट्री के नाम से जाना जाता है | इस मंदिर को चीन में बौद्ध धर्म, ताओ धर्म और कंफुशिवाद की मिलनस्थली के रूप में जाना जाता है |
इस मंदिर में जाने के लिए लकड़ी और लोहे की सीढ़ियां है | इस मंदिर का अधिकांशतः भाग लकड़ी से ही मिलकर बना हुआ है | सिर्फ कुछ ही भाग में लोहे का प्रयोग किया है | यह मंदिर चीन के प्रमुख मंदिरो में से एक है | जो लोग आर्किटेक्ट का अध्धयन करते है, यह मंदिर उनकी पहली पसंद होता है | क्योंकि यह 1500 सालो पहले बना था | लेकिन अभी तक अधिक क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है | चीन में आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद यह मंदिर ही है |